Friday, 3 August 2012

Red River, Hanoi , Vietnam


बहती नदी सदा एक ही बात सिखाती है कि जीवन में कलकल बहते रहना ही जीवन की सार्थकता है अन्यथा ठहराव जिन्दगी को बोझिल बना देता है । बहना और बहते जाना ....जब तक आप अपना सबकुछ समाहित नहीं कर देते हैं उस सम्पूर्ण में जिसकी प्राप्ति आपकी परमेच्छा थी  ।  जैसे नदी बहती हुई पहाड़ों , मैदानों, घाटियों , खेतों, शहरों  , गाँवों  आदि से गुजरती हुई समा जाती है दरिया में , ठीक उसी तरह ये आत्म भी अपने परम से मिलने की साधना करता है , पर सारी नदियां कहाँ मिल पाती हैं समन्दर में और ऐसे ही बहुत-सी जिंदगियां !!!

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