Saturday, 4 August 2012


                           बच्चों की मासूम मुस्कान और निर्मल व्यवहार देखकर हर बार इस बात पर विश्वास बढ़ता जाता है कि ईश्वर भी जब अपनी छवि को तलाशता होगा तो किसी पूजा स्थल पर जाने से पहले बच्चों को मिलता होगा । गालों पर आंसू लेकर मुस्कराने का दम केवल बच्चे ही दिखा सकते हैं ......दुनिया में सारे बच्चे -भारतीय , अमेरिकी , चाइनीज या विएतनेमीज सभी सिर्फ एक ही दर्शन सिखाते हैं कि ऐसा बड़ा बनना जो मन को मलिन बना दे और चाँद-तारों से बहल जाना भूला दे , उसकी बनिस्पत तो बच्चे ही रहने दो   । बड़ा बनने की चाह हमें न जाने कब और कैसे दोहरा बना देती है ?

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