Monday, 6 August 2012





                         कंक्रीट के जंगलों में पचासों मंजिला ऊँची इमारतें , शानदार शोपिंग कॉम्प्लेक्स, चढ़ती-उतरती लिफ्टें , रंग-बिरंगे परदे , रिसेप्शनिस्ट का मुस्कुराता चेहरा , कांटे-छूरी की आवाजों के साथ बिजनेस की बातें , टकराते जाम, इतराती नाज़ुकियां और बढ़ती महत्त्वाकांक्षाएं  .................इनका अपवाद हो सकता है , मगर फलक का  एकीकृत रूप ऐसा ही बनता है । आप यहाँ की रफ्तार से कदम मिलाने की जद्दोजहद तो कर सकते  हैं , मगर सुकून भरी जिन्दगी की चाह न रखिएगा.... वैसे भी सतही आकर्षण कहाँ जीवन भर बाँध सकते हैं !

Saturday, 4 August 2012


                           बच्चों की मासूम मुस्कान और निर्मल व्यवहार देखकर हर बार इस बात पर विश्वास बढ़ता जाता है कि ईश्वर भी जब अपनी छवि को तलाशता होगा तो किसी पूजा स्थल पर जाने से पहले बच्चों को मिलता होगा । गालों पर आंसू लेकर मुस्कराने का दम केवल बच्चे ही दिखा सकते हैं ......दुनिया में सारे बच्चे -भारतीय , अमेरिकी , चाइनीज या विएतनेमीज सभी सिर्फ एक ही दर्शन सिखाते हैं कि ऐसा बड़ा बनना जो मन को मलिन बना दे और चाँद-तारों से बहल जाना भूला दे , उसकी बनिस्पत तो बच्चे ही रहने दो   । बड़ा बनने की चाह हमें न जाने कब और कैसे दोहरा बना देती है ?

Friday, 3 August 2012

In Lobby, Hotel Sheraton , Hanoi [Vietnam]
जलकर पाना जो सीख लेता है , वहां उपेक्षा , स्वसुख , यश आदि भाव गौण हो जाते हैं ........ईश्वर से दुआ इसी बात की है कि वो सबको ऐसा बनाए जो औरों के लिए और  उनके जीवन के उजाले के लिए खुद को जलाना स्वीकार कर ले ..............!!!
Red River, Hanoi , Vietnam


बहती नदी सदा एक ही बात सिखाती है कि जीवन में कलकल बहते रहना ही जीवन की सार्थकता है अन्यथा ठहराव जिन्दगी को बोझिल बना देता है । बहना और बहते जाना ....जब तक आप अपना सबकुछ समाहित नहीं कर देते हैं उस सम्पूर्ण में जिसकी प्राप्ति आपकी परमेच्छा थी  ।  जैसे नदी बहती हुई पहाड़ों , मैदानों, घाटियों , खेतों, शहरों  , गाँवों  आदि से गुजरती हुई समा जाती है दरिया में , ठीक उसी तरह ये आत्म भी अपने परम से मिलने की साधना करता है , पर सारी नदियां कहाँ मिल पाती हैं समन्दर में और ऐसे ही बहुत-सी जिंदगियां !!!

Thursday, 2 August 2012

Siloso Beach, Singapore
                       शाम के रंग इतने गहरे क्यों हो जाते हैं कि उनमें जो भी खोता है , अपनी पसंद के शैड्स को ढूंढ लेता है ..........शामें - रूमानियत भरी , उदास-सी , मस्ती वाली । शाम को दिन भर उजाला करके थके हुए सूरज को डूबते देखना अपने आप में एक दर्शन है .....कुछ के लिए निराशा का तो कुछ के लिए फिर से एक नई सुबह के विश्वास का !